पिंड का अर्थ है गोल और दान का अर्थ है किसी वस्तु का दूसरों को इस्तेमाल के लिए दिया जाना. पिंडदान अपने पूर्वजों की मुक्ति हेतु किया जाने वाला दान है क्योंकि इसमें आटे से बने गोल पिंड का दान किया जाता है इसलिए इसे पिंड दान कहा जाता है. श्राद्धपक्ष में पिंड दान का काफी महत्व है. दक्षिण की तरफ मुख करके, जनेऊ को दाएं कंधे पर रखकर चावल, गाय के दूध, घी, शक्कर और शहद को मिलाकर तैयार किए गए पिंडों को श्रद्धा भाव के साथ अपने पितरों को अर्पित करना ही पिंडदान कहलाता है.पिता की मृत्यु के बाद बाद आत्मा की तृप्ति और मुक्ति के लिए बेटों द्वारा पिंडदान और तर्पण करने का विधान है. पिंड तर्पण और श्राद्धकर्म के अभाव में जहां पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष नहीं मिलता है, वहीं पुत्रों को भी पितृऋण से छुटकारा नहीं मिलता है. यही वजह है कि पिंडदान और तर्पण को प्रत्येक हिन्दू पुत्र को उसका कर्तव्य माना जाता है. शास्त्रों में पिंडदान के लिए बेटों और बेटियों का उल्लेख मिलता है. हर समाज की तरह ही हिन्दू समाज में भी समय समय पर परिवर्तन होते रहे है. ऐसे में आज के आधुनिक समाज में जहां बेटियों को कानूनी तौर पर विरासत प्राप्ति का अधिकार मिला है वहीं हिन्दू धर्म भी उन्हें अधिकार देता है कि वह अपने माता पिता का पिंड दान कर सकें.
किसी परिवार में मृत्यु होने के बाद दसवां दिन उस प्राणी का पिंड दान या दशा कर्म होना चाहिए। प्राणी के मोक्ष के लिए अवंतिका नगरी (उज्जैन) राम घाट पर पिंड दान होना चाहिये। इस कार्य के द्वारा मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं आत्मा - परमात्मा में विलीन होती है एवं बैकुंठ में वास होता है। जन्म जन्मांतर के फेर से मुक्ति प्राप्त होती है। इस कार्य को पुत्र या पुत्री द्वारा सम्पन्न किया जाना चाहिये। यह एक दिन का कार्यक्रम होता है।
उज्जैन में पिंड दान के लिए आप हमारे यहाँ उज्जैन ( अवंतिका नगरी ) - "राम घाट" स्थान पर आ सकते हैं। हमारे यहाँ पर अनुष्ठान कार्य के लिए पूर्व में ही दिनांक निश्चित की जा सकती है। आपको किसी भी प्रकार का पूजा पाठ का सामान इत्यादि नहीं लाना होता। तय दिनांक पर आपके लिए विशेष विद्वान को अनुबंधित रखा जाता है तथा सभी आवश्यक सामान एवं सुविधाओं को तैयार रखा जाता है।
पूर्व सूचना देने के लिए आप नीचे दिए गए फॉर्म को भर कर "सबमिट" करें। हम यथा शीघ्र आपको कॉल करके आपके संभावित प्रश्नों का हल करेंगे तथा आपके लिए दिनांक व समय निश्चित करेंगे।
हमारे यहाँ कोरोना काल में बिना उज्जैन आये भी अनुष्ठान की व्यवस्था है। हम लाइव टेलीकास्ट द्वारा आपके लिए अनुष्ठान कार्य करेंगे जिसे आप अपने स्थान पर बैठे हुए देख पायेंगे तथा अपनी उपस्थिति दे पायेंगे।